इडोटोरियल अक्टूबर २००९
गुजरात स्पंदन कर रहा है, अंगड़ाइयाँ ले रहा है, गतिशील है। अभी विकास की और मंजिलें बाकी हैं जिन्हे प्राप्त करना है, इसलिये गुजरात वाइब्रेंट है। कच्छ से लोकसभा की सदस्य पूनमबेन जाट कहती हैं- 'हमें सोचना पडता है कि विकास का कौन सा कार्य करें जो नहीं हुआ है। नरेन्द्र मोदी जी ने कुछ नहीं छोडा है'। गुजरात को पूर्ण विकसित कर दिया है फिर भी वो गुजरात को वाइब्रेंट गुजरात की संज्ञा देते हैं। वे गुजरात को दुनिया के नक्शे में वह स्थान दिलाना चाहते हैं जिससे विश्व के विकसित देशों के लोग भी भारत की अस्मिता, संस्कृति और परम्परा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिये आतुर हो जायें। इसलिये गुजरात वाइब्रेंट है।
प्रारम्भ से ही गुजरात को समुद्र के किनारे होने का लाभ मिला है। वैश्विक व्यापार समुद्र के रास्ते होता था। लोगों की बुद्धि व्यावसायिक थी। राजनीतिज्ञों की सोच भी उसी दिशा में रही। सहकारिता भी इसी कारण वहां सफल हुई। ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और व्यावसायिक सोच हो तो आर्थिक उन्नति में देर नहीं लगती। गरीब और सामान्य व्यक्ति के पास यह था। धन की कमीं थी तो सहकारिता ने पूरी कर दी। गरीब भी गरीब नहीं रहा। सामान्य भी धनी हो गया। मोदी जी ने विरासत में जो पाया उसमें चार-चाँद लगा दिया, फिर भी सोच रूकी नहीं। गुजरात वाइब्रेंट है।
यहां के महानगरों और नगरों में शनिवार या रविवार की रात्रि में अधिकांश घरों में खाना नहीं बनता। होटलों में जगह नहीं मिलती। यह रिवाज बन गया है। देश का सबसे विकसित प्रदेश जिसकी प्रति व्यक्ति आय रू. ४५,७७३/- है जो राष्ट्रीय औसत रू. ३८,०८४/- से अधिक है। इसमें सहकारी क्षेत्र का बहुत बड़ा योगदान है। अमूल और अमूल जैसी पूरे प्रदेश में फैली हुई अनेक डेयरी हैं जिन्होंने वहां श्वेत क्रान्ति ला दिया है। लिज्जत पापड, सेवा बैंक महिलाओं की संस्थायें हैं। सिंचाई के पानी के लिये भी ३००० से अधिक सहकारी समितियां हैं। वहां के गाँवों में भी रोजगार है,शहरों का तो पूछना ही क्या है। तभी तो देश के अधिकांश हिस्सों के लोग, उत्तर प्रदेश, बिहार के लोग भागे चले आते हैं। सूरत, बडौदा, जामनगर, भावनगर इनसे भरा पडा है।
भारत में पूर्वात्तर राज्य भी हैं, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, झारखण्ड और बिहार भी है। वहां गरीबी है, भुखमरी है, पिछडापन है। यह असंतुलन है। मोदी जी को इसके लिये भी सोचना होगा। केवल गुजरात को ही नहीं पूरे भारत को वाइब्रेंट बनाना होगा। योजना आयोग ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा शासित राज्यों की प्रशंसा की है कि उनके प्रदेशों में जनहित के कार्य किये जा रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी जी ने वहां के वित्तमन्त्रियों को केंद्रीय कार्यालय में सम्मानित किया। वे चाहते हैं भारत वाइब्रेंट हो जाय क्योंकि राष्ट्र उनकी प्राथमिकता है, उनका दर्द्गान है, उनका स्वप्न है, उनका जीवन है।
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