सहकारी बैंकों को आयकर से मुक्त किया जाये
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में दिनांक १७ जुलाई २००९ को कृषि पर चर्चा करते हुए भारत सरकार से बहुत ही जोरदार शब्दों में यह मांग की कि सहकारी बैंकों पर हुए भारत सरकार से बहुत ही जोरदार शब्दों में यह मांग की कि सहकारी बैंकों पर यू.पी.ए. सरकार द्वारा दो-तीन वर्षों पहले लगाया गया आयकर पूर्णतः समाप्त किया जाना चाहिए क्योंकि ये बैंक गरीबों, किसानों और मजदूरों को छोटे कज आसानी से और तुरन्त उपलब्ध कराते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में कार्यरत ०.५ मिलियन सोसाइटीज, २३० मिलियन सदस्य एवं १.५ मिलियऩ सहकारी कर्मचारी हैं यह विश्व का सबसे बडा सहकारिता आन्दोलन है, उसे राजनीति एवं भ्रष्टाचार से मुक्त कर उबारने के लिये गंभीरता पूर्वक विचार करने की आवश्यकता है।
उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि सहकारी बैंकों तथा सहकारी समितियों से जो किसान कर्ज लेना चाहें उन्हें अधिक से अधिक तीन, चार या पांच प्रतिशत ब्याज दर पर ही लोन मिल सके ऐसी व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए।
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