Friday, July 22, 2011

खेतीबाड़ी उत्पन्न बाजार समिति, अहमदाबाद

खेतीबाड़ी उत्पन्न बाजार समिति, अहमदाबाद

खेतीबाड़ी उत्पन्न बाजार समिति (Agriculture Produce Marketing Society) अहमदाबाद पूरे भारत में सब्जीभाजी के नियंत्रित बाजार में अग्रिम स्थान रखती है। सन् १९४२-४४ में अहमदाबाद के राजनगर बाजार में सब्जीभाजी का व्यापार पूरी तरह दलालों के हाथ में था। ये दलाल अपनी इच्छानुसार भाव निश्चित करते थे, माप-तोल में गडबडी करते थे, उत्पादकों को नगद राशि भी नहीं देते थे तथा किसानों से सस्ते में सब्जीभाजी खरीदकर व्यापारियों को ऊंचे दाम में बेचकर भारी मुनाफा कमाते थे।

इन परिस्थितियों में सन् १९४२-४४ की अवधि में अहमदाबाद शहर तथा दसक्रोई तालुका के अग्रणी सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं उत्पादकों ने सहकारी कानून के अन्तर्गत अहमदाबाद कॉपरेटिव फ्रूट एण्ड वेजीटेबल ग्रोवर्स एसोसियेशन लि. एवं दी पोटेटो ग्रोवर्स कॉपरेटिव एसोसियेशन लि. की स्थापना करके शाकभाजी में दलालों के एकाधिकारवाद से व्यापार को मुक्त करा दिया एवं तत्कालीन परिस्थितियों का सामना करते हुए सफलतापूर्वक कार्य प्रारम्भ कर दिया।

सन् १९४८ में गुजरात में बाजार कानून द्वारा शाकभाजी के व्यापार को नियन्त्रण में ले लिया गया। दलालों के एकाधिकार का कठोरतापूर्वक सामना करते हुए राजनगर बाजार को सहकारी समिति को सौंप दिया गया। माणिक चौक मार्किट यार्ड में सब्जीभाजी का नियंत्रित बाजार सफलतापूर्वक चलाया गया। राजनगर मार्केट के पास बाबूभाई वंडा वाले स्थान पर जगत बाजार समिति ने किराये पर मार्केट यार्ड में थोड़ी जगह ले ली।

राजनगर बाबूभाई वंडा मार्केट यार्ड का विस्तार ६००० वर्ग गज है परन्तु अहमदाबाद शहर की जनसंखया और व्यापार में वृद्धि के कारण स्थान छोटा पडने लगा। सन् १९६७ में समिति ने प्रयत्न शुरू किया जिसके फलस्वरूप १९७३ में सरकार ने अहमदाबाद नगर निगम की सीमा के अन्दर बेहरामपुरा में मार्केट यार्ड के लिये १४९२३ वर्ग मीटर जमीन आवंटित कर दिया। इस जमीन पर भवन निर्माण के लिए सीमित कोष होने के कारण व्यापारियों से बिना ब्याज की राशि (डिपाजिट) प्राप्त कर निर्माण कार्य पूर्ण किया गया। सन् १९८० में इस स्थान पर विधिवत् व्यापार स्थानांतरित कर कार्य प्रारम्भ किया गया। वर्तमान में सरदार पटेल मार्केट शाकभाजी के नियंत्रित बाजार में देश भर में अग्रिम स्थान रखता है।

सन् १९८७ में भविष्य को ध्यान में रखकर समिति ने प्रयास करके अहमदाबाद नगर निगम से वासना मकतमपुरा सीमा के पास सरकार के मुखय नगर नियोजन विभाग द्वारा निश्चित किये गये मूल्य पर ५०,००० वर्ग गज स्थान क्रय किया। इस जमीन पर दिनांक १२.०७.१९९० को निर्माण कार्य का उद्घाटन तत्कालीन मुखयमंत्री श्री चिमन भाई पटेल के कर कमलों द्वारा किया गया। इस मार्केट का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर ०७ जुलाई ९६ को सरदार पटेल मार्केट यार्ड के आलू प्याज के जनरल कमीशन ऐजेन्ट एवं अन्य लाईसेंस प्राप्त जनरल कमीशन ऐजेन्टों को नये यार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया। सरदार पटेल मार्केट यार्ड शाकभाजी के लिये एवं वासना वाला श्री चिमन भाई पटेल मार्केट यार्ड आलू प्याज के लिये अलग-अलग व्यवस्था में सफलतापूर्वक कार्य करने लगे।

सन् १९९७-९८ में नरोडा में स्थित फ्रूट होलसेल, तथा 'फूल बाजार' को भी बाजार नियंत्रण कानून के अन्तर्गत खेतीबाड़ी उत्पन्न बाजार समिति, अहमदाबाद में सम्मिलित कर लिया गया। इससे उन सभी कृषक भाईयों को बहुत राहत मिली तथा उन्होंने बाजार समिति के पदाधिकारियों एवं कारोबारी समिति को शुभकामनाएं दी।

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