Tuesday, June 21, 2011

छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ

छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ

छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के पश्चात् प्रजातांत्रिक पद्धति से निर्वाचन द्वारा गठित संचालक मण्डल कार्यरत है । सदस्य संस्थाओं के हित में विपणन संघ सदस्य, सहकारी संस्थाओं के सदस्य, सहकारी संस्थाओं के विकास तथा सुदृढीकरण करने पर विशेष ध्यान दे रहें हैं। शासन को सदस्य संस्थाओं को सुदृढ करने हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। संचालक मण्डल सदैव सदस्य संस्थाओं के विकास के लिए प्रयासरत रहा है तथा आगे भी इसी दिशा में हम कार्य करेंगे ।

खरीफ २००८ में विपणन संघ ने अब तक का सर्वाधिक धान उपार्जन समर्थन मूल्य पर किया है तथा अब तक का सर्वाधिक रासायनिक उर्वरक वितरण भी किया गया है। खरीफ २००८ में कुल ३७ लाख ६० हजार मिट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। खरीफ २००८ में ४,२४,५९४ मिट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया गया है।

धान उपार्जन संबंधी संव्यवहारों के कम्प्यूटरीकरण की सफलता के पश्चात् अब खाद व्यवसाय, किसान राईस मिलों, पशु आहार व्यवसाय तथा लेखा संधारण के कार्यों का भी कम्प्यूटरीकण करने का लक्ष्य है। विपणन संघ की किसान राईस मिलें बहुत पुरानी तकनीक पर आधारित हैं, जिसके कारण चावल का उत्पादन प्रभावित होता है। हमने यह निर्णय लिया है कि खरीफ २००९ का धान आने के पूर्व ही विपणन संघ की चलने योग्य २२ राईस मिलों का आधुनिकीकरण किया जाए। ०८ स्थानों पर अधिक क्षमता की नई राईस मिलें भी स्थापित की जाएंगी। वर्ष २००९-२०१० में किसानों को उचित मूल्य पर कृषि यंत्रों का वितरण करने का भी प्रयास किया जाएगा । विपणन संघ की सदस्य सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों की ओर से वार्षिक साधारण सभा २००८ में प्राप्त सुझावों पर भी आवश्यक कार्यवाही की गई है । प्राथमिक विपणन सहकारी संस्थाओं की बंद राईस मिलों के विपणन संघ द्वारा संचालित किये जाने हेतु गत आमसभा के सुझावानुसार कार्य योजना बनाई जा रही है । विपणन संघ अपने सदस्य संस्थाओं को रसायनिक खाद विक्रय करने हेतु उपलब्ध करा रहा है।

खाद के व्यवसाय में विपणन संघ को तथा प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं को होने वाली हानि एक बहुत बड़ी समस्या रही है । खरीफ २००८ में विपणन संघ को राज्य शासन द्वारा खाद व्यवसाय में हानि की मदों की प्रतिपूर्ति बतौर रूपये ८.३० करोड प्रदान किया गया है। राज्य विपणन संघ यह प्रयास कर रहा है कि प्राथमिक संस्थाओं को खाद व्यवसाय में होने वाली हानि की भी शत् प्रतिशत पूर्ति राज्य शासन द्वारा की जाए । प्राथमिक समितियों के हित की दृष्टि से उर्वरक वितरण प्रणाली में संशोधन कराने के लिए भी विपणन संघ द्वारा पहल की गई है ।

वित्तीय वर्ष २००२-०३ के लेखा पुस्तकों की आडिट रिपोर्ट पंजीयक, सहकारी संस्थाओं से प्राप्त हुआ है, अंकेक्षित वित्तीय पत्रक, (आडिट रिपोर्ट) में उल्लिखित त्रुटियों के परिशुद्धि का प्रतिवेदन आमसभा के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है । विपणन संघ के अन्य संस्थाओं से लेखा मिलान के लंबित कार्य को पूर्ण करने के लिए चार्टर्ड एकाउण्टेंट की नियुक्ति की गई है। गत ८ वर्षों का लेखा मिलान शीघ्र ही पूर्ण होने जा रहा है । यह कार्य पूर्ण हो जाने पर नागरिक आपूर्ति निगम से लेनदारियों की स्थ्ति स्पष्ट हो सकेगी तदुपरान्त उसकी वसूली हेतु कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाएगी और विपणन संघ की लेखा पुस्तकों का अंकेक्षण भी अद्यतन हो जायेगा । राज्य विपणन संघ टेली पद्धति अतिशीघ्र चालू करने जा रहा है।

विपणन संघ के लेखा पुस्तकों के आंतरिक अंकेक्षण के लिए समुचित व्यवस्था के अभाव में त्रुटियों की जानकारी कई वर्षों तक ज्ञात नहीं हो पाती थी । अब आंतरिक अंकेक्षण के लिए चार्टर्ड एकाउण्टेंट की नियुक्ति की गई है। गत कई वर्षों से पुराने उपयोगी तथा अनुपयोगी बारदानें बड़ी मात्रा में भंडारित थे, इनका विक्रय करने के लिए निविदायें आमंत्रित कर विक्रय की जा रही है।

विपणन संघ का व्यवसाय निरंतर बढ ता जा रहा है। कर्मचारियों के अभाव के कारण समय पर कार्यो को पूर्ण करने में असुविधाएं होती थी । इस वर्ष हमने कर्मचारी वृन्द का नया सेटअप तैयार करके पंजीयक, सहकारी संस्थाएं को भेजा था, जो उनके द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है । इससे विपणन संघ को लगभग ४०० अतिरिक्त कर्मचारी अधिक योग्यता वाले उपलब्ध हो सकेंगे । इसके लिये राज्य द्राासन के व्यवसयिक परीक्षा मण्डल के माध्यम से भर्ती में पारदर्च्चिता रखते हुए कार्यवाही की जा रही है।

कर्मचारियों के विरूद्व विभिन्न प्रकार के कदाचारों के आरोपों के २०० से अधिक अनुशासनिक कार्रवाईयों के प्रकरण लंबित हैं। इनके शीघ्र निराकरण की दृष्टि से एक सेवानिवृत्त जिला एव सत्र न्यायाधीच्च को विभागीय जांच करने के लिए संविदा पर नियुक्त किया गया है । अब विभागीय जांच के प्रकरणों पर कार्यवाही में तेजी आई है ।

संचालक मण्डल द्वारा किसानों के व्यापक हित में निर्णय लेकर दो अति महत्वपूर्ण प्रस्ताव राज्य शासन को भेजे गए हैं । पहला - यह कि समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन को विपणन संघ का स्थायी व्यवसाय घोषित किया जाए तथा दूसरा - यह कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के द्वारा संचालित धान खरीदी केन्द्रों तथा विपणन संघ के धान संग्रहण केन्द्रों को इस प्रकार से विकसित किय जाए कि केन्द्रों पर चबूतरा, शेड्स, पीने के पानी, विद्युत, फैंसिंग, गोदामों आदि की पर्याप्त व्यवस्था हो सके ।

वर्ष २००८ की वार्षिक साधारण सभा द्वारा वित्तीय वर्ष २००८-०९ के लिए रूपये ५३९०.०० लाख का बजट स्वीकृत किया गया था इसे पुनरीक्षित करके रूपये ३९१३.८८ लाख का बजट अनुमान स्वीकृति है। वित्तीय वर्ष २००९-२०१० के लिए रूपयें ५३९६.०० लाख का बजट अनुमान स्वीकृति है। इस वर्ष में रूपये ११४३.० लाख का शुद्धलाभार्जन अनुमानित है ।

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