ग्रामीण विकास के लिये इण्डकाप
धनंजय कुमार सिंह, संस्थापक अध्यक्ष, इण्डकाप
भारत गांवों में बसता है तो युवा शक्ति की बड़ी संखया भी गांवों में ही पैदा होती है परन्तु आजीविका के लिये व्यापार और उद्योग के केंद्रों, जो शहर में स्थित है, की ओर भागती है। परिणाम होता है पर्यावरण का असंतुलन। शहरी जीवन की सीमित भौगोलिक अवस्थापना के अन्तर्गत सीमित सड के, सीमित सीवर, सीमित, पेयजल, खाद्य पदार्थ को रखने की सीमित जगह, सीमित बिजली इत्यादि की व्यवस्था बहुत बड ी संखया में शहर के चारों ओर से रोजगार की तलाश में आने वाले लोगों की संखया से चरमरा जाती है। सत्तर-अस्सी वर्ष पहले महात्मा गाँधी ने ग्राम्य जीवन को रोजगार युक्त और स्वावलम्बी बनाने की बात कही थी और प्रयास भी किया था। आजादी के बाद केन्द्र और राज्य की सरकारों ने भी ऐसा प्रयत्न किया। केंद्र सरकार द्वारा ग्रामीण विकास मंत्रालय की स्थापना इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिये ही किया गया था। परन्तु इस देश की आबादी को देखते हुये जितनी गम्भीरता और तत्परता से इसके लिये प्रयास की आवश्यकता थी वह नहीं हो सकी।
आज सूचना प्रौद्योगिकी ने दुनिया में विकास की गति को अत्यन्त तीव्रता प्रदान कर दिया है। बड़े शहरों की जीवन शैली में अत्याधुनिकता के साथ अनेक अकल्पनीय आयाम जुड ते जा रहे हैं जिनके बारे में सुनकर गाँव क्या छोटे शहरों में रहने वाले लोग भी अवाक् रह जाते हैं। इसके कारण ग्रामीण और शहरी जीवन के बीच विसंगतियां बढ ती जा रही हैं। आवश्यकता इस बात की है कि सूचना प्रौद्योगिकी के सहारे विज्ञान की नयी तकनीकों का उपयोग करते हुये ग्रामीण जीवन को स्वच्छ, रोजगारयुक्त और स्वावलम्बी बनाया जाय। छोटे-छोटे कृषि आधारित उद्योग, कृषि के उत्पादन में वृद्वि, उनका प्रसंस्करण और मूल्य सम्वर्धन के द्वारा हम यह उद्देश्य प्राप्त कर सकते हैं।
इण्डकाप (इण्डियन डाइवर्सिफाइड एण्ड सस्टेनेबुल एग्रीकल्चर कोआपरेटिव लिमिटेड़) की स्थापना का उद्देश्य यह है कि ग्रामीण जीवन इतना सरल, आरामदायक और रोजगारयुक्त हो जाय कि शहर और गांव में अन्तर दिखायी न दे। इण्डकाप का इस दिशा में पहला प्रयास है गाँव-गाँव में कृषि विकास के लिये किसानों को जागरूक बनाना। इस आवश्यकता की पूर्ति के लिये किसान गोष्ठियां आयोजित की जा रही हैं।
मिट्टी का परीक्षण, आर्गेनिक खादों के उपयोग से अधिक उत्पादन, रासायनिक खादों पर कम से कम निर्भरता, मूल्य संवर्धन के लिये प्रसंस्करण के उद्योग, कृषि सम्बंधी सरकारी योजनाओं को किसानों तक पहुँचाना, कृषि आधारित मजदूरों को उचित मजदूरी मिले इसके साथ ही पर्यावरण एवं जल प्रबंधन की व्यवस्था करना इण्डकाप की प्राथमिकता है। ग्रामीण एवं शहरी आबादी को आर्गेनिक खेती द्वारा शुद्व अनाज, सब्जी, फल, दूध इत्यादि प्राप्त हो सके जिसमें रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों का प्रयोग बिल्कुल न किया गया हो, यह हमारी सोच है। केवल आर्गेनिक खेती द्वारा कृषि उत्पादन कैसे बढ़ाया जा सकता है इस विषय में हम कृषि वैज्ञानिकों का सहयोग ले रहे हैं।
इसके अलावा निर्बल वर्ग को माइक्रोफाइनेंस द्वारा आर्थिक रूप से सुदृढ़ करना कम ब्याज पर पढ ाई के लिये एवं कम्प्यूटर साक्षरता के लिये भी ऋण देना इसके प्रारम्भिक कार्यो में शामिल है।
भारत की शक्ति यहां के युवा हैं। उनको सम्बल प्रदान करना और उनकी जननी को भी आर्थिक रूप से सशक्त बनाये रखना देश की आवश्यकता और इण्डकाप का उद्देश्य है।
(लेखक भारतीय जनता पार्टी की सहकारिता प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक है)
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