Friday, February 4, 2011

National Executive Committee Meeting, Central Cooperative Cell BJP (Dt.28-29 Jan., 2011 at Delhi)

भारतीय जनता पार्टी के सहकारिता प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय कार्यालय 11 अशोक रोड़, नई दिल्ली-110001, में दिनांक 28-29 जनवरी 2011 को सम्पन्न हुई। राष्ट्रीय कार्यसमिति की कार्यवाही निम्न प्रकार सम्पन्न की गई:-

उपस्थिति:- कार्यसमिति की बैठक में भारत के कुल 20 प्रदेशों बिहार, उडीसा, हरियाणा, गुजरात, चण्डीगढ़, मणिपुर, पंजाब, नागालैण्ड, दिल्ली, मिजोरम, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश व कर्नाटक का प्रतिनिधित्व हुआ। कुल 13 प्रदेशों से प्रदेश संयोजकों, सह-संयोजकों ने भाग लिया।

बैठक की कार्यवाही निम्न अनुसार थी -
बैठक की कार्यवाही में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव माननीय थावर चन्द गहलोत जी ने द्वीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। प्रथम सत्र के आरम्भ में स्वर्गीय सुरेंद्र जाखड़ जी, चैयरमैंन IFFCO और पं. दीप चन्द शर्मा, पूर्व अध्यक्ष, Housing Federation, दिल्ली के निधन पर शोक प्रस्ताव पारित किया। इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय सचिव एवं सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रभारी माननीय संतोष गंगवार जी, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव माननीय मुरलीधर राव जी, मोर्चो एवं प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय समन्वयक माननीय महेन्द्र पाण्डेय जी, छत्तीसगढ़ के सहकारिता एवं गृह मंत्री माननीय ननकीराम कॅंवर जी, श्रीमती सुमित्रा महाजन (सांसद), पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीमती भावना बेन चिखलिया जी, भाजपा मुख्यालय प्रभारी माननीय श्याम जाजू आदि उपस्थित थे।

प्रथम सत्र में भारतीय जनता पार्टी के सहकारिता प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक श्री धंनजय कुमार सिंह जी ने सभी सम्माननिय अतिथियों का स्वागत् एवं प्रस्ताविक किया।

उन्होंने भारत में सहकारिता क्षेत्र के विकास, महत्व और प्रकोष्ठ की भावी योजनाओं को विस्तार रूप से प्रतिनिधियों को अवगत् किया। जिसमें सहकारिता प्रकोष्ठ के वैब-साईट, प्रदेश, जिला, मण्डल स्तर तक के प्रशिक्षण की योजना, सहकारिता क्षेत्र में ईमानदारी और पारदर्शिता से जिम्मेदारी को समझ कर कार्य करने, आधुनिक टैक्नोलोजी को प्रयोग में लाने और सहकारिता के क्षेत्र में एक नयी ‘क्रांति’ लाने का संकल्प लेकर काम करने को कहा। सहकारिता क्षेत्र में उपलब्ध स्वरोजगार के असीम अवसर से अधिकांश लोग वंचित इसलिए रह जाते हैं क्योंकि उनको इस क्षेत्र की जानकारी नहीं होती है। इसका निदान प्रशिक्षण से ही होगा। विशेष रूप से उन्होंने अब तक प्रदेशोें में नियुक्त हुए प्रकोष्ठ के सभी संयोजक व सह-संयोजक की कार्यसमिति में उपस्थित होने पर संतोष व्यक्त करते हुए प्रकोष्ठ का संगठनात्मक वृत प्रस्तुत किया।

भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता श्री प्रकाश लोणारे के राष्ट्रीय मत्स्यजीवी सहकारी संघ मर्यादित का अध्यक्ष निर्वाचित होने पर उनका स्वागत किया गया। भाजपा में सहकारिता प्रकोष्ठ के गठन के बाद यह पहला फेडरेशन है जिसमें हमारे अध्यक्ष चुन कर आये।

मुख्य अतिथि माननीय श्री थावर चन्द गहलोत जी के कर कमलों द्वारा सहकारिता प्रकोष्ठ की वैब-साईट का उद्घाटन हुआ। किसी भी राजनीतिक दल में सहकारिता से सम्बन्धित पहला वैब-साईट का गौरव भाजपा के सहकारिता प्रकोष्ठ के वैब-साईट cooperative.bjp.org को प्राप्त हुआ। उन्होंने सभा को सम्बोधित करते हुए UPA–II की सहकारिता विरोधी नीतियों और फैसलों से सबको अवगत् कराया। उन्होंने कहा कि भाजपा का 10% वोट बढ़ाने का माननीय नितिन गड़करी जी का संकल्प पूरा करने के लिये सहकारिता क्षेत्र बहुत बड़ा योगदान दे सकता है।

राष्ट्रीय सचिव माननीय मुरलीधर राव जी ने अपने सम्बोधन में कहा की भारत दुनिया का सबसे बड़ा निजी आर्थिक क्षेत्र हैं। भारत की अर्थव्यवस्था का 80% लघु बचत से आता है और कॉरपोरेट जगत का योगदान केवल 5% है। सहकारिता क्षेत्र का योगदान इसमें सराहनीय रहा है। पूंजी निवेश का एक आकर्षक क्षेत्र सहकारिता क्षेत्र है। इसके लिए मजबूत राजनीतिक नेतृत्व और आधुनिकीकरण की आवश्यकता है। भारत के आर्थिक सामाजिक विकास में सहकारिता क्षेत्र की भूमिका बड़ी है।

श्रीमती सुमित्रा महाजन (सांसद) ने केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की। छोटे-छोटे सहकारी बैंकों में बड़े बैंकों के साथ विलय करने की प्रक्रिया को उन्होंने सहकारिता पर सरकार की सोची-समझी साजिश बताया। इसको रोकने के लिए राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों को सहकारिता प्रकोष्ठ प्रस्ताव तैयार करके दे ताकि वह दोनों सदनों में इस नीति का पुरजोर विरोध कर सकें।

मोर्चाे एवं प्रकोष्ठों के समन्वयक माननीय महेन्द्र पाण्डेय जी ने सहकारिता आन्दोलन को जन-आन्दोलन बनाने की आवश्यकता बतायी। उन्होंने अपने-अपने प्रदेशों में काम कर रही सहकारी समितियों की सूची तैयार करके उनसे सम्पर्क करके उन्हें भाजपा की विचारधारा के साथ जोड़ने की जरूरत बतायी।

सहकारिता प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सह-संयोजक श्री सुनील गुप्ता जी ने Direct Tax Code Bill पर चर्चा की और बताया की वर्तमान आयकर अधिनियम की धारा 80च् में अधिकांश सहकारी संस्थाओं को आयकर छूट के दायरें में रखा हुआ था। परन्तु Direct Tax Code Bill 2010 के माध्यम से सरकार द्वारा कृषि को छोड़कर सभी सहकारी संस्थाओं को टैक्स के दायरे में लाया जा रहा है जो कि सहकारिता की मूलभूत नीति के खिलाफ है। इससे सहकारिता आन्दोलन कमजोर होगा तथा संस्थाओं पर अनावश्क बोझ बढ़ेगा। दिल्ली प्रदेश के संयोजक श्री अशोक डबास जी ने Multistate Cooperative Society Act. Amend Bill और Constitutional Amendment Bill के लागू होने पर सहकारिता क्षेत्र पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों पर प्रकाश डाला।

दूसरे दिन के प्रथम सत्र में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपा एवं भाजपा प्रकोष्ठों एवं संसदीय समितियों के सदस्यों की समन्वयक डा. नजमा हेप्तुल्ला जी मुख्य अतिथि थीं उन्होनंे आम-गरीब तबके के समाज के अन्तिम पंक्ति के लोगों की आर्थिक गरीबी उन्मूलन के लिए सहकारिता क्षेत्र को कारगर उपकरण बताया। शहर की ओर गरीब लोगों के पलायन को रोकने एवं लघु उघोग के माध्यम से स्वरोजगार सृजन करना सहकारिता से ही सम्भव है।

उन्होंने सहकारी क्षेत्र से सम्बन्धित समस्याओं को दूर करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने और मंत्रालय के Standing Committee के समक्ष रखने के लिए प्रोत्साहित किया। Direct Tax Code Bill और Multistate Cooperative Society Act. Amendment Bill के विषय को लेकर और Standing Committee के चैयरमैंन श्री वासुदेव आचार्य जी से मिलने की बात कहीं। उन्होंने भाजपा का 10% वोट बढ़ाने का माननीय नितिन गड़करी जी के संकल्प को दोहराया।

Fishcopfed के नव नियुक्त चैयरमैंन श्री प्रकाश लोणारे जी, अन्त्योदय के राष्ट्रीय संयोजक श्री मनोहर लाल खट्टर जी, और विभिन्न फैडरेशनों के चैयरमैंन व संचालकों ने अपने विचार और कार्यो के वृत से सभा को अवगत् कराया।

सभी प्रदेशों के संयोजकों ने अपने-अपने प्रदेशों की सहकारिता क्षेत्र की उपलब्धियांे और भावी योजनाओं के बारे में सभा को अवगत् किया।

समापन सत्र में माननीय संतोष गंगवार जी ने मार्गदर्शन किया। आगामी 7 मार्च को दिल्ली में होने जा रहे सहकारिता प्रदर्शन को सफल बनाने की योजना की दृष्टि से प्रदेशों की बैठकें और आगामी योजनाओं से सभा को अवगत् कराया।

अंत में सहकारिता प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक माननीय धनंजय कुमार सिंह जी ने प्रकोष्ठ की भावी योजनाओं और 7 मार्च 2011 को दिल्ली में होने वाली सहकारिता प्रदर्शन, कार्यक्रमों की विस्तार से चर्चा की और सभा में उपस्थित सभी वरिष्ठ नेतागण और प्रतिनिधियों को धन्यवाद किया।

कार्यक्रम का संचालन सहकारिता प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सह-संयोजक श्री सुनील गुप्ता जी ने किया।

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